डायबिटीज में कुछ लोगों में रिवर्स (परिवर्तन) संभव है। ऐसे तो डायबिटीज का कोई भी स्टीक इलाज नहीं होने के दावे किए जाते हैं पर यदि हम अपन चिकित्सक से लगातार संपर्क और उनके बताए उपचार और डाइट पर ध्यान देते हैं तो हमें इसमें फायदा जरूर होता है। यही नहीं कुछ लोगों ने अपनी जीवनशैली में बदलाव और चिकित्सकों के बताए डाइट प्लान से डायबिटीज से छुटकारा भी पाया है। डायबिटीज के बारे में जानकारी आपको आपका
चिकित्सक बता सकता है और उससे आप कैसे ठीक होंगे इस बारे में हम आपको बता रहे हैं पर सबसे पहले आपको डायबिटीज के बीच के अंतर का पता होना जरूरी है कि यह टाइप 1 या टाइप 2 कौन सा है।

टाइप 1 डायबिटीज:
टाइप 1 डायबिटीज में हमारा शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। यह एक ऑटोइम्यून
डिजीज है। मतलब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन बनाने वाले अग्नाशय (शरीर में पाई जानी वाली एक लंबी ग्रंथि जो आमाशय के पीछे स्थित होती है और जिससे पाचक रस तथा इंसुलीन निकलता है) की कोशिकाओं पर हमला कर उन्हें खत्म कर देती हैं। ऐसा आनुवांशिक वजहों से हो सकता है।

टाइप 2 डायबिटीज:
इसे वयस्क शुरूआत के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थिति में अग्न्याशय अपर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करता है या उत्पादित इंसुलिन प्रतिरोधी है। जिसे इंसुलिन प्रतिरोध और सापेक्ष इंसुलिन कमी के संदर्भ में उच्च रक्त ग्लूकोस द्वारा पहचाना जाता है। टाइप 2 डायबिटीज ने भारत की लगभग 90 प्रतिशत आबादी को घेर रखा है।

यह करना है जरूरी
जीवनशैली में करें बदलाव: यदि आप डायबिटीज से छुटकारा पाना चाहते हैं तो जीवनशैली में बदलाव लाना होगा। जिसमें कम कैलोरी, विशेष रूप से कम वसा वाला आहार खाना होगा। सब्जियों, ताजे फलों, फाइबर और डेयरी उत्पादों को खाने में शामिल करना होगा। यही नहीं यह देखना भी जरूरी है कि आप कितना खाते हैं और कब खाते हैं। एक बार में ही खाने से अच्छा है कि आप दिन में कई बार खाने की आदत डालें, जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है। खाने के पैटर्न में अनियमितता भी डायबिटीज का एक कारण होती है। वहीं आपको परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट से बचना चाहिए। पास्ता, चावल या ब्रेड और साबुत अनाज की रोटी इंसुलिन को बढ़ाएगी, वहीं अतिरिक्त चीनी और सभी मीठे पेय से दूर रहना होगा।
व्यायाम को करें जीवन में शामिल : यदि स्वस्थ जीवन जीना है तो उसके लिए शारीरिक गतिविधियां जैसे व्यायाम, सैर करना बहुत जरूरी है। व्यायाम न केवल डायबिटीज को रोकता है पर एक पॉजीटिविटी भी हमारे भीतर लाता है। कम से कम दिन में हमें व्यायाम और सैर के लिए 30 मिनट निकालने ही चाहिए। व्यायाम आपके टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को 30 प्रतिशत कम कर देता है। यदि आप व्यायाम के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं तो कुछ देर के बाद ठहलते रहें ओर खाना के बाद तो जरूर ठहलने का रूटीन बनाएं।

अल्कोहल और धूम्रपान न करें: जो लोग अल्कोहल और धूम्रपान करते हैं उनमें डायबिटीज होने का खतरा दुगुना होता है। वहीं हमें रोजाना रात को कम से कम 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी बहुत जरूरी है। यही नहीं मुधमेह से बचना है तो तनाव को अपने जीवन से दूर भगाना होगा, क्योंकि आज के भागदौड़ वाले दौर में तनाव होना आम बात है और इससे अन्य बीमारियों के साथ ही डायबिटीज हमें जकड़ रहा है। इसके साथ ही आपको नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच करवाते रहना चाहिए।

इस डाइट प्लान को अपनाएं

हरी सब्जियां
हरी सब्जियां विटामिन सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, साथ ही इनमें एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं, जोकि रोजाना हमें खानी चाहिए, जोकि डायबिटीज में लाभदायक होती हैं। सब्जियों में हमें बीन्स, पत्ता गोभी, भिंडी, मैथी, अदरक, टमाटर, पालक ओर करेला खाना चाहिए।

बीन्स: बीन्स सस्ते, पौष्टिक और सुपर हेल्दी होते हैं। बीन्स बी विटामिन, लाभकारी खनिजों (कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम) और फाइबर से भरपूर एक प्रकार की फलियां हैं। जो डायबिटीज के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।
ब्रोकोली: ब्रोकोली सबसे पौष्टिक सब्जियों में से एक है। ब्रोकोली डायबिटीज के स्तर को प्रबंधित करने में भी मदद कर सकती है। आप ब्रोकोली का सेवन कर डायबिटीज पर काबू पा सकते हैं।
लहसुन: लहसुन डायबिटीज वाले लोगों में रक्त शर्करा, सूजन, खराब कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।

मिथी दाना: मिथी दाना का प्रयोग डायबिटीज वाले लोगों को करना चाहिए। इससे काफी फायदा मिलता है।
अलसी: अलसी एक अविश्वसनीय रूप से स्वस्थ भोजन है। अलसी डायबिटीज के स्तर को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकती है।

फ्रूट: डायबिटीज रोगी को संतरा, अमरूद, सेब और जामुन खाना चाहिए। नाश्ते ओर दोपहर के भोजन के बीच करीब 11 बजे हमें जामुन के सिरका का प्रयोग करना चाहिए। यह काफी लाभकारी है।

नट्स: नट्स में फाइबर होता है। डायबिटीज वाले लोगों को अखरोट और बादाम खाना चाहिए।

फैटी फिश: फैटी फिश में ओमेगा-3 वसा होती है जो हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य जोखिम कारकों को कम करने में मदद करती है। यह प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है, जो डायबिटीज को ठीक रखने में महत्वपूर्ण है।

ऐसी होनी चाहिए हमारे आहार की दिनचर्या
हमें अपने आहार में गेहूं का आटा, काले चने का आटा, डायबीटिक रोटी को 1:1 के अनुपात में दिन में एक बार लेना चहिए।

सुबह उठते ही
सुबह उठते ही गर्म पानी में नींबू का रस या फिर खीरा और नींबू का पानी पिएं। बिना चीनी ग्रीन टी पी सकते हैं। इसके साथ ही बिना शूगर के दो बिस्कुट खाएं।

नाश्ता
नाश्ते में 1 कटोरी दलिया, दो ब्राउन ब्रेड/सैंडविच/2 स्टफ्ड रोटी/दूध/दही और लस्सी ले सकते हैं। वहीं उबला हुआ अंडा बिना येलो भाग/पनीर 25 ग्राम लें।

दोपहर के खाने से पहले
दोपहर के खाने से पहले आप 11 बजे गाजर/खीरा/टमाटर/चुकंदर का सलाद और फल जरूर खाएं। सब्जियों को उबालकर सूप पी सकते हैं।

दोपहर का खाना
दोपहर के खाने में दो रोटियों के साथ दाल या सब्जी। सब्जियों में आलू, अरबी, जिमीकंद, कटहल, शंकरकंदी नहीं खानी चाहिए।

शाम का नाश्ता
शाम के नाश्ते में आप बिना चीनी के ग्रीन टी पीएं। इसके अलावा बादाम भी खा सकते हैं। वहीं एक दूध गिलास हमें लगभग 6 बजे के करीब पीना है।

रात का खाना
रात के खाने से पहले आप गाजर/खीरा/टमाटर और चुकंदर का सलाद खा सकते हैं। सब्जियों को उबालकर सूप पी सकते हैं। वहीं रात के खाने में दो रोटी बिना तेल, कोई भी एक सब्जी साग/दाल/दही/पनीर खा सकते हैं। यदि आप नॉन वेज खाते हैं तो सप्ताह में एक बार चिकन और फिश के 2 पीस खा सकते हैं। वहीं आप सोने से पहले हल्दी वाला दूध पी सकते हैं।

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