भागदौड़ भरे इस समय में मोटापा एक अभिशाप बनता जा रहा है। मोटापे से छुटकारा पाने के लिए लोग कई तरह के उपायों को अपना रहे हैं पर कई बार सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते, जिससे मायूस हो जाते हैं। मोटापे के कारण कई बार हमारे अंदर हीन भावना आ जाती है और कई बार मजाक का पात्र भी बन जाते हैं, जिस कारण हम स्ट्रेस में भी चले जाते हैं और इसे अपनी लाइफ का हिस्सा मानते हुए इसके साथ जिंदगी को आगे बढ़ाते हैं पर अब ऐसा नहीं होगा। हम आपको यही सलाह देते हैं कि मायूस न हों और हमारे योग्य
चिकित्सकों से संपर्क करें और मोटापे से छुटकारा पाएं। मोटापे से दूर रहने या वजन कम करने से पहले हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि मोटापे के कारण क्या हैं। यदि आप हमारे एक्सपर्ट्स से संपर्क करते हैं तो वह आपको इस बारे में बताएंगे और आप एक हेल्दी लाइफ स्टाइल जी सकते हैं। मोटापे के कारण कई बीमारियां हमें घेर लेती हैं।

मोटापा क्या होता है इस बारे में जानना जरूरी है। मोटापा का कारण कुछ लोगों में जेनेटिक होता है, इसका सीधा मतलब है कि अगर माता-पिता मोटे हैं तो बच्चा भी मोटा हो सकता है। वहीं महिलाओं के गर्भावस्था समय में हार्मोन्स में बदलाव होता है, जिसके कारण भी मोटापा बढ़ता है। सही पोषक आहार ना लेने, अधिक तैलीय पदार्थ व फास्ट फूड खाने, अधिक धूम्रपान करने के कारण भी मोटापा शुरू हो जाता है। मोटापा के कारण हमें जोड़ो में दर्द, ठीक से नींद पूरी नहीं होना, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह,दिनचर्या के कार्यो में समस्या, गठिया की समस्या, थकावट और थायराइड की समस्या हो सकती है।

रूटिन में करें बदलाव
मोटापे के इलाज और वजन घटाने के लिए डॉक्टर खाने के रूटीन को बदलने का सुझाव देते हैं, जिससे शरीर में संतुलन बना रहे। वहीं नियमित रूप से व्यायाम, योगा करने को बोलते हैं। मोटापे से बचने के लिए मीठी और ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक, चीनी से बनी हुई चीजों को ना खाएं, चीनी की जगह पर शहद का इस्तेमाल करें और फास्ट फूड खाने से बचें। भोजन कम खाएं जो जब भी खाएं वह पौष्टिक होना चाहिए। रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना भी बहुत जरूरी है। प्रर्याप्त नींद लेने से शरीर की चर्बी कम होती है, जिससे आपका वजन नहीं बढ़ता है और मोटापा दूर रहता है। मोटापा घटाने के लिए सबसे अधिक उपयोगी ग्रीन टी भी होती है। नींबू के रस में शहद को डालकर मिलाने के बाद गर्म कर लें और फिर इसका सेवन करें। सेब का सिरका में शहद मिलाकर पीएं, जिससे शरीर की चर्बी कम होती है। काली मिर्च का उपयोग चाय और सलाद में करें। काली मिर्च का सेवन मोटापे को कम करने लिए बहुत फायदेमंद होता है।

गर्म पानी पिएं यदि आपका मेटाबॉलिज्म रात में धीमा हो जाता है तो सुबह उठने पर इसे सही तरीके से किक-स्टार्ट करना बहुत महत्वपूर्ण है।

खाने पर दें ध्यान
वजन बढऩे का सबसे बड़ा कारण आपके खान-पान में की जा रही लापरवाही भी हो सकती है। कई बार हम रूटीन में खाना न खाकर एक बार में ही ज्यादा खा लेते हैं, जिससे मोटापा हो जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप दिन भर में अपनी कैलोरी की खपत को सीमित रखें। बहुत से लोग जो अधिक वजन वाले हैं जरूरी नहीं कि अधिक खा रहे हों, लेकिन उनके खाने के सिस्टम में जरूर कुछ खामी है। कई बार हम सुबह एक कप चाय के बाद दोपहर के भोजन तक कुछ भी नहीं खाते, जोकि सबसे बड़ी भूल है। धूप लेना भी बहुत जरूरी है। वहीं सही नाश्ता लेने से भी आप वजन घटा सकते हैं।

कसरत से रहेंगे फिट
यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो थोड़ी सी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी। कसरत के लिए 45 मिनट से लेकर एक घंटे का समय निकालना जरूरी है। आप दिन भर में व्यायाम करके कैलोरी बर्न कर सकते हैं। यदि आपके पास समय नहीं है तो सुबह 10 मिनट, दोपहर के भोजन के बाद 10 मिनट और रात के खाने के बाद भी 10 मिनट का समय निकाल लेते हैं तो फिट रह सकते हैं।

तनाव से रहें दूर
तनाव में रहने के कारण मोटापे को आप घर बुला लेते हैं। इसलिए जितना हो सके तनाव से दूर रहें। तनाव से दूर रहने के लिए आप उचित नींद लें। लोग अपने कामों में सारा दिन व्यस्त रहते हैं और जो समय मिलता है उसमे मोबाइल और टीवी देखने में निकाल देते हैं। जिसके कारण शरीर का व्ययाम नहीं हो पाता है व कैलोरी कम नहीं होती और मोटापा बढऩे लगता है। यह मोटापा धीरे-धीरे हमारी दिनचर्या को खराब करने लगता है।

पॉजिटिव रहना जरूरी
जब भी आप वजन कम करने का लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो आपको पॉजिटिव रहना बहुत जरूरी है। कई बार कुछ दिनों और हफ्तों में आपका वजन कम हो सकता है, जबकि कई बार वजन थोड़ा बढ़ भी सकता है, यह
चिंता का कारण नहीं है। शरीर के वजन में उतार-चढ़ाव होना सामान्य है। हो सकता है कि आप अधिक भोजन ले रहे हों या सामान्य से अधिक पानी का सेवन कर रहे हों। यह महिलाओं में और भी अधिक स्पष्ट है, क्योंकि मासिक धर्म चक्र के दौरान पानी के वजन में काफी उतार-चढ़ाव हो सकता है। जब तक सामान्य प्रवृत्ति नीचे की ओर जा रही है, इसमें कितना भी उतार-चढ़ाव क्यों न हो, आप वजन कम करने में सफल होंगे।

बच्चे भी चपेट में
जंक फूड पिज्जा, बर्गर और जीवनशैली में बदलाव के कारण हमारे बच्चे भी मोटापे की चपेट में आ रहे हैं। इसके कारण कम उम्र में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या सामने आ रही है। इसके अलावा हड्डियों और जोड़ों में कमजोरी, आलस्य और आत्म-सम्मान की कमी जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी पैदा हो रही हैं।
भारत में मोटापा 21वीं शताब्दी में महामारी अनुपात तक पहुंच गया है, जोकि देश की 5 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करता है। वैश्विक खाद्य बाजारों में भारत के निरंतर एकीकरण के बाद अस्वास्थ्यकर, संसाधित भोजन अधिक सुलभ हो गया है। इसके करण प्रति व्यक्ति औसत कैलोरी सेवन बढ़ रहा है। मोटापे हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक भी है।

ऐसे पाएं वजन पर नियंत्रण

सुबह उठते ही
पानी पिएं, हो सके तो कम से कम दो गिलास। पानी हल्का गुनगुना होगा तो अच्छी बात है।

नाश्ता
सादे ओट्स में प्याज, लहसुन, दालचीनी डालें। इसमें मौसम के हिसाब से सब्जियां डाल सकते हैं। हो सके तो ब्रोकली जरूर डालें या कॉर्न फ्लैक्स और डबल टोंड दूध या अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो तीन या चार उबले अंडे का सफेद हिस्सा, वहीं बिना चीनी वाली नींबू की शिकंजी का सेवन करें।

ब्रंच
पांच से दस बादाम, साथ में कॉफी, ग्रीन टी, अदरक, तुलसी, दालचीनी, इलाइची की चाय बिना चीनी के लें।

लंच
एक कटोरी ब्राउन राइस, सलाद, दाल, मल्टी ग्रेन आटे की एक या दो रोटी का सेवन करें।

शाम की चाय
कोई वेज सूप या भुने चने के साथ चाय या कॉफी या ग्रीन टी। चाहें तो स्प्राउट भी ले सकते हैं।

रात का खाना
वेज सूप, सलाद, पपीता या एक सब्जी इसमें लहसुन, प्याज जरूर हो यदि आप नॉन वेजेटेरियन हैं तो तीन अंडे बिना येलो भाग के या 150 ग्राम चिकन ब्रेस्ट, या दो लेग पीस लें।

जरूरी नहीं है कि आप इन्हीं चीजों का सेवन करें। जरूरी है कि आप कैलोरी की सही मात्रा लें। इसके साथ ही तरल पदार्थों का अधिक सेवन और व्यायाम को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

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